Wednesday, October 28, 2009

DREAMS UNLIMITED

मेरे बहुत ही करीबी दोस्त,राए का बचपन से एक ही सपना था.जेम्स बान्ड की तरह निडर होकर बेतहाशा गाडी चलाना और अपने घर के नीचे अंडर ग्राउंड तहखाना बनवाना(क्यों,यह नही पता).अंडरग्राउंड तहखाना बनवाने के लिए वो इतना पजेसिव था कि वो सारा जीवन झोपडे में गुजारने को तैयार था पर झोपडे के नीचे तहखाना जरूर होना चाहिए था.सपने तो सपने होते हैं.वर्तमान में राए मेट्रो रेल में ड्राईवर है.अब वो जेम्स बान्ड की तरह बेतहाशा गाडी भी चलाता है और उसका अधिकाँश समय अंडरग्राउंड भी बीतता है.अब उसका सपना किस हद तक पूरा हुआ,इसके बारे में हम फिर कभी विस्तार से बातें करेंगे.

अब आपका सोचना लाजिमी है कि आज मैं किसी के सपने के बारे में बात क्यों कर रहा हूँ?कारण यह है कि आज बहुत दिनों बाद जब मैं अपने लाइफ को इवैलूऐट करने बैठा तो खुद को वहां नही पाया जहाँ मुझे होना चाहिए था.बहुत आत्ममंथन के बाद मुझे इसकी एक ही वाजिब वजह लगी.वो था,मैंने ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिए सपने तो देखे पर वो सपने स्थिर न थे.वो वक़्त और हालात् के साथ बदलते रहे.अगर एक ही सपना हमेशा देखा होता तो कम से कम राए की तरह उसके करीब तो पहुँच ही गया होता.

जब छोटा था तो जेट पाइलट बनने का सोचता था.किशोरावस्था में डॉक्टर बनने का सोचने लगा.उन्ही दिनों क्रिकेट का खुमार था तो बहत सारा मूल्यवान समय क्रिकेट ग्राउंड पर सचिन सहवाग बनने में खर्च कर दिया.फिर लगा,कि करीयर से बढकर कुछ नहीं तो प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला ले लिया.देश पर जब आतंकी हमला हुआ तो NSG कमांडो बनने का भी कुछ दिन ख्याल आया.होश आया तो पता चला कि कुछ भी न बन पाया.

चलिए,अपने बारे में ज्यादा बात नही करूंगा.इतना कुछ बताने की सिर्फ एक वजह है.मेरी ही तरह आज का अधिकाँश युवा,सपने तो देखता है पर वो पूरे इसलिए भी नही होते क्योंकि वक़्त और सोसल ट्रेंड,उसके सपनो को बदलते रहते हैं.सपने बदलते है तो लक्ष्य भी बदल जाता है.यानि युवा के सामने एक डिलेमा की स्थिति हमेशा बनी रहती है कि उसे करना क्या है?अगर सपना एक हो,स्थिर हो तो उसे पूरी करने की जिजीविषा ही हमें उसके करीब तक पहुंचाती है.

इसे एक एक्साम्पल से समझते हैं.मेरे एक मित्र बचपन से ही जासूसी प्रवृति का था.जासूसी उपन्यासों,फिल्मों और धारावाहिकों का उस पर इतना प्रभाव बढ़ चुका था कि एक बार देर रात को उनके पिताजी के घर आने पर,उसने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया.दरवाजा खोलने के लिए उसने पिताजी को 'कोडवर्ड' बोलने को बोला.पिताजी ने कौन कौन सा 'वर्ड' बोला,वो छोडिए.पर उसका यह दिमागी फितूर कुछ हद तक उसके प्रोफेशन को निर्धारित करने का कारण रहा.आज वो एक सफल प्राइवेट डिटेक्टिव एजेन्सी का मालिक है.

शाहरुख़ खान जब मुंबई में संघर्ष करके टूट चुके थे तो एक दिन शाम को सी-बीच पर उन्होंने सपना देखा था कि एक दिन उन्हें इस शहर पर राज करना है.शहर तो क्या,आज वो पूरे देश के दिलों पर राज कर रहे हैं.मशहूर हॉलीवुड अभिनेता,बॉडी बिल्डर और पौलीटीशीयन अर्नाल्ड शौजनेगर को कौन नही जानता.उन्होंने जो भी सपने देखे,वो अधिकांशतःपूरे हुए.एक ख़ास सपना भी देखा था उन्होंने.अमेरिका के रास्ट्रपति के बेटी से शादी करना.यह सपना भी कुछ हद तक पूरा हुआ.उनकी पत्नी,पूर्व अमेरकी रास्ट्रपति कैनेडी की भांजी हैं.

आखिर में सिर्फ इतना कहना है कि हमें सपने तो देखने हैं पर उसे बदलने नही देना है.वो हमेशा देखा जाने वाला सिर्फ एक सपना कहीं न कहीं,कभी न कभी,हमें हमारे लक्ष्य के आस पास तक तो जरूर पहुंचाएगा.जानते हैं,अब मेरा भी एक सपना है पर जरा सीक्रेट है,कभी बाद में बताऊंगा.तो इंतज़ार किसका है.आईए,अपने सपनो की दुनिया में डूब जाएँ और उस एक स्पेशल सपने को निर्धारित कर लें.पर एक बात का ख्याल रखना है की यह प्रोसेस मात्र दिवास्वप्न देखना भर साबित न हो.

(29अक्टूबर को i-next में प्रकाशित http://www.inext.co.in/epaper/Default.aspx?edate=10/29/2009&editioncode=2&pageno=16

3 comments:

Unknown said...

Abhishek ji..aapne apne lekh me aaj ke apne sapno ko lekar bhrmit nayuvko ko sochne par majboor kiya hai..sach kahu to ye lagbhag har yuva ki kahani hai..mai bhi bachpan se lekar ab tak bahut kuch banne ka sapna dekhti aaye hu par banna kuch aur chahti the aur ban gaye kuch aur..kabhi halat to, kabhi majbooriya, to kabi family k vajah se apne sapno se compromise karne wali mai aaj apne aap ko ajeeb dorahe pe khada pati hu..aaj mere paas mere sapne ko poora karna k saadhan to hai par shayad utna samay nahi hai..par fir b mai ek akhiri kosis jaroor karungi..apne sapno ke pankho par udhan bharne ki,..shayad koi manjil mera rasta dekh rahe ho.kisi ne sach hi kaha hai"" Dreams r not those which u get while sleeping, Dreams r those which never let u sleep "apke lekh ne muje meri adhuri wish poori karne ka ek aur mauka diya hai..is amulya lekh k liye hardik subhkamnaye...apke ujjwal bhavishya ki kamna k sath...Pratima.

ashi said...
This comment has been removed by the author.
ashi said...

hey Dear,
Congratulation!!
This is very awaking thought to Motivate All Youth,
Really It's Very True....