Monday, May 25, 2009

खत्म हुआ क्रिकेट का दूसरा कर्मयुद्ध...


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कितना कुछ ख़ास रहा इस आई पी एल में.पिछले बार की चैम्पियन राजस्थान रायल्स इस बार सेमी फाईनल में भी जगह न बना सकी.पूरा  फाईनल 'बीयर' बनाम 'बिरयानी' बन कर रह गयी.जी हाँ,बीयर यानि माल्या साहब की रायल चैलेंजर्स  और बिरयानी यानी हैदराबादी डेकन चारजर्स.पिछले साल की अंकतालिका में सबसे फिसड्डी दो टीमों ने इस बार फाईनल में जगह बनाई और रोमांचक मुकाबले में चारजर्स क्रिकेट के इस कर्मयुद्ध का विजेता बना.कुछ मामलों में यह आई पी एल पिछली बार से थोडा अलग रहा.प्रत्येक दस ओवेर्स के बाद 'रणनिति ब्रेक' की अवधारणा इस आई पी एल का हिस्सा बनी.बहुत सारे लोगों ने तो इसे विज्ञापन बाज़ी का नया बहाना बताया.

२०-२० क्रिकेट की बात हो और चीयरलीडर्स की बात न हो तो कैसे चलेगा?इस बार देश के संस्कृति और सभ्यता के सारोकारों का शायद इस तरफ ध्यान नही गया.बहाना यह हो सकता है कि इस बार का आई पी एल तो दूसरे देश में हुआ.शायद हमारी संस्कृति इन चीयर बालाओं को टेलीवीजन की स्क्रीन पर देखकर नही ख़राब होती.इस  बार हरभजन श्रीसंथ विवाद जैसा तो कुछ भी न हुआ पर खिलाड़ियों के बीच गरमा गर्मी और बहस खूब चली चाहे वो एक ही देश के खिलाडी क्यों न हों.शायद टीम भावना और मित्रता पर कारपोरेट क्रिकेट और पैसा भारी पड़ रहा है.हैडेन श्रीसंथ की पुरानी रंजिश यहाँ भी नज़र आई और हैडेन ने तो श्रीसंथ को 'ओवर रेटेड' गेंदबाज़ करार दे डाला.धोनी का जादू थोडा फीका तो पड़ने ही लगा है.उनकी टीम चेन्नई इस बार सेमी फाईनल से ही बाहर हो गयी जबकि उन्हें सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था.यह आई पी एल युवराज और रोहित शर्मा के हैट्रिक और मनीष पाण्डेय सरीखे अनजाने से बल्लेबाज़ के शतक का भी गवाह बना.

विवाद और इस आयोजन का तो रिश्ता जगजाहिर है.इस बार भी कई विवाद चर्चाओं में रहे पर मीडिया ने उसपर ज्यादा ध्यान नही दिया.जेसी राईडर शराब के नशे में  सुरक्षा कर्मियों से भीड़ गए तो टीम पंजाब के मालिक और अभिनेत्री प्रीति जिंटा के बॉयफ्रेंड नेस वाडिया छेड़खानी के मामले में पिटाई खाते हुए बचे.विवादों के लिए इस बार तालिका में अव्वल रही शाहरुख़ खान की टीम कोलकाता नाईट राईडर्स.पहले देश के सफलतम कप्तानों में से एक सौरभ गांगुली को कप्तानी से हटाया गया.क्या विडंबना है?कोलकाता के नाम से शुरू इस टीम का मुखिया कोई विदेशी खिलाडी बन गया,वो भी एक विदेशी कोच के कहने पर.टीम का कैप्टेन मकुलम को बना दिया गया.पूर्व क्रिकेट खिलाडी अजय जडेजा ने इस बात का खुलासा किया कि उनके पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि कोलकाता टीम में नस्लीय भेद भाव हो रहे हैं.शायद इसी लिए कोलकाता टीम का मनोबल बुरी तरह से गिरा हुआ है और टीम करीब करीब सारे मैच हार चुकी है.शाहरुख़ लगातार हो रही हार से खीजकर वापस देश लौटचुके थे और उनका कहना है कि जब उनकी टीम स्वदेश लौटेगी तो वो टीम से इस बाबत बात करेंगे.शाहरुख़ शायद नही समझ पा रहे कि उनसे क्या गलती हुई?गलतियाँ चाहे जो हुई हों पर शाहरुख़ को यह समझना चाहिए कि कोलकाता की टीम तभी कोलकाता की कहलाएगी जब उसमे कोलकाता की आत्मा मौजूद हो,पर यहाँ सब कुछ होता है क्योंकि यह इंडियन प्रीमीयर लीग है.

कुल  मिलाके  आई पी एल-२ पूरी तरह हिट रहा.इसके सफलता से उत्साहित होकर ललित मोदी ने इसके साल में  दो बार आयोजन की बात कही है,हाँ एक बात की तो तारीफ़ करनी होगी.दो विदेशी कोच,दिल्ली के शेफर्ड और कोलकाता के बुकनान की मांग कि टीम में ४ से ज्यादा विदेशी खिलाड़ियों को शामिल किया जाए,को मोदी एंड कमेटी ने अस्वीकार कर दिया.वजह चाहे जो भी रही हो पर एक आम भारतीय होने के नाते हम सब ऐसा जरूर चाहेंगे कि आई पी एल में ज्यादा से ज्याद भारतीय खिलाडियों को मौका मिले क्योंकि यह इंडियन प्रीमिअर लीग है,'इंटरनैशनल' प्रीमिअर लीग नही.विदेशी खिलाडी सिर्फ ग्लेमर का तड़का लगाने तक की भूमिका तक सीमित रहें तो ही अच्छा है.

1 comments:

merinajrmeranajria said...

aapne hmesha ki trh is baar bhi badhiya hi likha hai......